
मुल्ल्लियार बांध, केरल: एक व्यापक आगंतुक गाइड
तिथि: 14/06/2025
परिचय
केरल के पश्चिमी घाट की हरी-भरी इलायची पहाड़ियों में स्थित मुल्ल्लियार बांध, 19वीं सदी की इंजीनियरिंग का एक असाधारण उदाहरण है, जो समृद्ध पारिस्थितिक और सामाजिक-राजनीतिक महत्व से जुड़ा है। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान 1895 में पूरा हुआ, यह बांध पेरियार नदी के पानी को पूर्व की ओर तमिलनाडु के शुष्क मैदानों में मोड़ता है, जो लाखों लोगों के लिए सिंचाई, पेयजल और जलविद्युत आवश्यकताओं का समर्थन करता है। प्रतिष्ठित पेरियार टाइगर रिजर्व और थेक्कडी और कुमारकोम जैसे जीवंत शहरों के निकट स्थित, यह बांध अपने इतिहास, आश्चर्यजनक परिदृश्यों और विविध वन्यजीवों में रुचि रखने वाले यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।
यह व्यापक मार्गदर्शिका मुल्ल्लियार बांध के आगंतुक घंटों, टिकट, पहुंच, सुरक्षा प्रोटोकॉल, यात्रा युक्तियों, आस-पास के आकर्षणों और ऐतिहासिक अंतर्दृष्टि पर आवश्यक जानकारी प्रदान करती है। चाहे आप एक प्रकृति उत्साही हों, इतिहास प्रेमी हों, या एक जिज्ञासु यात्री हों, यह संसाधन आपको केरल के सबसे अनूठे स्थलों में से एक की सुरक्षित और समृद्ध यात्रा का आनंद लेने में मदद करेगा।
सामग्री
- ऐतिहासिक अवलोकन
- मुल्ल्लियार बांध का दौरा: घंटे, टिकट और पहुंच
- सुरक्षा, संरचनात्मक चिंताएँ और निगरानी
- पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनीतिक महत्व
- करने योग्य चीजें और आस-पास के आकर्षण
- व्यावहारिक यात्रा सुझाव
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- सारांश और आगे अन्वेषण
- स्रोत
ऐतिहासिक अवलोकन
इंजीनियरिंग चमत्कार और औपनिवेशिक विरासत
मुल्ल्लियार बांध का निर्माण 1887 और 1895 के बीच ब्रिटिश इंजीनियर जॉन पेनीकुइक की देखरेख में किया गया था। 53.6 मीटर ऊंचा और पेरियार नदी पर 365 मीटर तक फैला यह बांध, तमिलनाडु के सूखे-प्रवण क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस परियोजना ने 208,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई करके और अनगिनत समुदायों को जल सुरक्षा प्रदान करके तमिलनाडु में कृषि में क्रांति ला दी (makemytrip.com)।
इस बांध ने पेरियार झील का भी निर्माण किया, जो अब पेरियार टाइगर रिजर्व का केंद्र है, जिससे क्षेत्र की जैव विविधता और पर्यटन अपील बढ़ी है। केरल में अपने स्थान के बावजूद, बांध के संसाधनों का प्रबंधन मुख्य रूप से तमिलनाडु द्वारा 1970 में नवीनीकृत ब्रिटिश-युग के पट्टे के तहत किया जाता है, जिससे यह अंतर-राज्य वार्ता का केंद्र बिंदु बन गया है (The United Indian)।
मुल्ल्लियार बांध का दौरा: घंटे, टिकट और पहुंच
आगंतुक घंटे
- सामान्य घंटे: प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (Holidify)।
- पीक सीजन: सुखद मौसम के कारण अक्टूबर से मार्च तक यात्रा के लिए आदर्श। मानसून का मौसम (जून-सितंबर) सुरक्षा चिंताओं और भारी बारिश के कारण पहुंच प्रतिबंध ला सकता है (Tripoto)।
प्रवेश शुल्क और टिकट
- बांध परिसर: सामान्य बांध क्षेत्र के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। पार्किंग शुल्क (लगभग ₹20 प्रति वाहन) लागू होता है।
- पेरियार झील पर नौका विहार: ₹25 प्रति व्यक्ति; अनिवार्य जीवन जैकेट प्रदान किए जाते हैं।
- गाइडेड टूर: केरल पर्यटन और स्थानीय ऑपरेटरों के माध्यम से उपलब्ध; पीक अवधि के दौरान पूर्व-बुकिंग की सिफारिश की जाती है।
पहुंच
- सड़क मार्ग से: बांध कुमारकोम से 15 किमी और थेक्कडी से 45 किमी दूर है। निजी टैक्सी और स्थानीय परिवहन उपलब्ध हैं।
- रेल मार्ग से: निकटतम प्रमुख स्टेशन कोट्टायम (114 किमी) है।
- हवाई मार्ग से: मदुरै (140 किमी) और कोच्चि (190 किमी) निकटतम हवाई अड्डे हैं।
- साइट पर सुविधाएं: बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं; गतिशीलता चुनौतियों वाले आगंतुकों के लिए पहुंच सीमित है - पूर्व पूछताछ की सलाह दी जाती है।
सुरक्षा, संरचनात्मक चिंताएँ और निगरानी
संरचनात्मक सुरक्षा
लाइम-सुरखी मोर्टार का उपयोग करके निर्मित, यह बांध 130 साल से अधिक पुराना है और भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है (ClearIAS)। केरल के अधिकारियों और स्वतंत्र अध्ययनों ने संभावित भूकंपीय भेद्यता, गाद भरने और पुरानी अवसंरचना के बारे में चिंता जताई है (The United Indian)। तमिलनाडु, जो बांध का संचालन और रखरखाव करता है, चल रहे सुदृढीकरण और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य सुरक्षा उपायों पर जोर देता है।
निगरानी और विनियमन
1970 के पट्टे समझौते और बाद के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों (विशेष रूप से 2006, 2010 और 2014 में) ने परिचालन मापदंडों और जल स्तर स्थापित किए हैं, जिनकी अब राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA) द्वारा निगरानी की जाती है (Mathrubhumi)। NDSA अध्यक्ष के नेतृत्व वाली सात सदस्यीय नई समिति को बांध सुरक्षा और जलाशय संचालन की वास्तविक समय की निगरानी का काम सौंपा गया है (Onmanorama)।
आगंतुकों के लिए सुरक्षा दिशानिर्देश
- सभी पोस्ट किए गए निर्देशों का पालन करें और प्रतिबंधित क्षेत्रों से बचें।
- मानसून के दौरान, पहुंच और मौसम की सलाह के लिए अपडेट की जांच करें।
- नौका विहार के लिए जीवन जैकेट अनिवार्य हैं; सभी कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करें।
- जल निकायों और वन्यजीवों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनीतिक महत्व
पारिस्थितिक प्रभाव
बांध के जलाशय पश्चिमी घाट के हिस्सों को जलमग्न करते हैं, जो एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और दुनिया के सबसे समृद्ध जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है। पानी के प्रवाह में परिवर्तन पेरियार टाइगर रिजर्व के आवासों को प्रभावित करता है, जो बाघों, हाथियों, भारतीय बाइसन और स्थानिक वनस्पतियों और जीवों को प्रभावित करता है (sajeevdev.com)। नियंत्रित जल निकासी निचले इलाकों की नदी पारिस्थितिकी और स्थानीय आजीविका को प्रभावित करती है।
अंतर-राज्य विवाद
यह बांध केरल और तमिलनाडु के बीच चल रहे विवादों का केंद्र है। केरल सार्वजनिक सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देता है, नए बांध या अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की वकालत करता है। तमिलनाडु पानी की आपूर्ति और कृषि के लिए बांध की आवश्यक भूमिका पर जोर देता है (change.org)।
करने योग्य चीजें और आस-पास के आकर्षण
चलना, दर्शनीय स्थल और फोटोग्राफी
- बांध, पेरियार झील और आसपास की पहाड़ियों के मनोरम दृश्यों का आनंद लें।
- औपनिवेशिक-युग की वास्तुकला और सूचनात्मक साइनेज ऐतिहासिक संदर्भ प्रदान करते हैं।
- सुबह जल्दी और शाम को फोटोग्राफी के लिए सबसे अच्छी रोशनी मिलती है।
पेरियार झील पर नौका विहार
- नौका विहार सत्र सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चलते हैं।
- नाव से हाथी और पक्षी जीवन सहित वन्यजीवों को देखना आम बात है (Holidify)।
वन्यजीव और प्रकृति गतिविधियाँ
- पेरियार टाइगर रिजर्व: ट्रेकिंग, बांस राफ्टिंग, रात की जंगल गश्त और निर्देशित प्रकृति की सैर प्रदान करता है (Tusk Travel)।
- गाइडेड टूर: गहन पारिस्थितिक और सांस्कृतिक अनुभवों के लिए आदिवासी गाइडों को शामिल करें।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल
- मंगल देवी कण्णगी मंदिर: प्राचीन पहाड़ी मंदिर, चित्रा पौर्णमी उत्सव के दौरान सुलभ (Tripoto)।
- मसाला बागान: इलायची और काली मिर्च के खेतों के माध्यम से निर्देशित पर्यटन।
- आदिवासी विरासत संग्रहालय: स्वदेशी मनन और पalian संस्कृति के बारे में जानें।
थेक्कडी और कुमारकोम
- थेक्कडी और कुमारकोम में इको-लॉज, वन कॉटेज या रिसॉर्ट में रहें।
- केरल व्यंजन और जीवंत स्थानीय बाजारों का अनुभव करें।
व्यावहारिक यात्रा सुझाव
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च तक आरामदायक मौसम और स्पष्ट दृश्यों के लिए।
- पैकिंग सूची: हल्के कपड़े, रेन गियर (मानसून के दौरान), आरामदायक जूते, धूप से सुरक्षा, कीट विकर्षक, पुन: प्रयोज्य पानी की बोतल, दूरबीन और कैमरा।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: व्यक्तिगत आईडी साथ रखें, आपातकालीन संपर्क नंबर तैयार रखें, और बांध पहुंच और क्षेत्रीय मौसम पर नवीनतम अपडेट की जांच करें।
- जिम्मेदार पर्यटन: वन्यजीवों का सम्मान करें, कचरा न फैलाएं, और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन और आवासों को चुनकर स्थानीय समुदायों का समर्थन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न: मुल्ल्लियार बांध के आगंतुक घंटे क्या हैं? ए: प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक, मानसून या उच्च जल स्तर के दौरान बंद होने के अधीन।
प्रश्न: क्या प्रवेश शुल्क या टिकट की आवश्यकता है? ए: बांध क्षेत्र के लिए कोई शुल्क नहीं है; पार्किंग और नौका विहार पर मामूली शुल्क लगता है।
प्रश्न: क्या निर्देशित पर्यटन उपलब्ध हैं? ए: हाँ, प्रकृति की सैर और वन्यजीव पर्यटन उपलब्ध हैं, जो अक्सर स्थानीय गाइडों द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
प्रश्न: क्या बांध का दौरा करना सुरक्षित है? ए: नियमित निगरानी की जाती है। आगंतुकों को आधिकारिक सलाह और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
प्रश्न: क्या मैं मुल्ल्लियार बांध के पास रह सकता हूँ? ए: हाँ, थेक्कडी और कुमारकोम में आवास की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं।
सारांश और आगे अन्वेषण
मुल्ल्लियार बांध एक उल्लेखनीय गंतव्य है जो औपनिवेशिक इंजीनियरिंग, पारिस्थितिक चमत्कार और पश्चिमी घाट की जीवंत संस्कृति को सहजता से जोड़ता है। इसके सुंदर दृश्यों की खोज करके, वन्यजीव गतिविधियों में संलग्न होकर, और इसके जटिल इतिहास को समझकर, आगंतुक इसकी सुंदरता और महत्व दोनों की सराहना कर सकते हैं। एक सुरक्षित और पुरस्कृत अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें, टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं को चुनें, और नवीनतम अपडेट पर सूचित रहें। अधिक जानकारी और योजना संसाधनों के लिए, आधिकारिक पर्यटन पोर्टलों से परामर्श करें और वास्तविक समय की सलाह, मानचित्र और निर्देशित सामग्री के लिए Audiala ऐप डाउनलोड करें।
स्रोत
- केरल पर्यटन आधिकारिक वेबसाइट
- MakeMyTrip – मुल्ल्लियार बांध
- The United Indian – मुल्ल्लियार बांध विवाद
- Holidify – मुल्ल्लियार बांध दर्शनीय स्थल
- Sajeevdev – केरल में एक विवादास्पद जीवन रेखा और खतरा
- Change.org – मुल्ल्लियार बांध का उप-परिनियोजन
- Mathrubhumi – बांध सुरक्षा के लिए नई निगरानी समिति
- Onmanorama – बांध सुरक्षा के लिए पर्यवेक्षी समिति
- Thrillophilia – थेक्कडी आकर्षण
- Tusk Travel – पेरियार राष्ट्रीय उद्यान योजना
- ClearIAS – मुल्ल्लियार बांध विवाद
- Tripoto – मुल्ल्लियार बांध यात्रा सुझाव
- Rainwood Hotels – थेक्कडी ब्लॉग
- Kerala Orbit – स्थान और पहुंच
- Vajiram & Ravi – केरल-तमिलनाडु संबंध