
पटना सचिवालय का व्यापक मार्गदर्शिका: इतिहास, महत्व, आगंतुक सुझाव और यादगार अनुभव के लिए पर्यटकों को जानने योग्य सब कुछ
दिनांक: 04/07/2025
परिचय
पटना सचिवालय, जिसे ओल्ड सचिवालय या पटना सचिवालय भी कहा जाता है, बिहार के प्रशासनिक केंद्र और राज्य की औपनिवेशिक काल की स्थापत्य भव्यता का एक प्रमाण है। बिहार और उड़ीसा को एक अलग प्रांत बनाने के बाद 1917 में पूर्ण हुई यह ऐतिहासिक इमारत ब्रिटिश वास्तुकार जोसेफ मुनिंग्स द्वारा डिजाइन की गई थी और मार्टिन बर्न एंड कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी, जो इंडो-सारासेनिक और ब्रिटिश औपनिवेशिक शैलियों का मिश्रण है (patna.nic.in, engr.mun.ca)। बिहार के प्रशासनिक केंद्र के रूप में, सचिवालय ने राज्य के शासन और इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसका प्रभावशाली मुखौटा, घड़ी टॉवर और सुंदर उद्यान इसे वास्तुकला के शौकीन, इतिहास प्रेमियों और उत्सुक यात्रियों के लिए अवश्य देखने योग्य स्थान बनाते हैं।
यह मार्गदर्शिका पटना सचिवालय जाने से पहले आपको आवश्यक जानकारी प्रदान करती है, जिसमें आगंतुक घंटे, टिकट, पहुंच, उल्लेखनीय विशेषताएं, आस-पास के आकर्षण और व्यावहारिक यात्रा सुझाव शामिल हैं। चाहे आप जल्दी से घूमना चाहते हों या पटना की विरासत की गहराई से खोज करना चाहते हों, यह संसाधन आपको अपनी यात्रा का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करेगा।
नवीनतम जानकारी, यात्रा कार्यक्रम की योजना बनाने और ऑडियो गाइड के लिए, आगंतुकों को Audiala ऐप का उपयोग करने और बिहार पर्यटन के आधिकारिक पोर्टलों (patna.nic.in) से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
विषय-सूची
- औपनिवेशिक उत्पत्ति और ऐतिहासिक संदर्भ
- वास्तुशिल्प विशेषताएँ और डिजाइन तत्व
- राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व
- सांस्कृतिक और नागरिक महत्व
- आगंतुक जानकारी: घंटे, टिकट और पहुंच
- ऑन-साइट सुविधाएं और सेवाएं
- सुझाई गई यात्रा कार्यक्रम और आस-पास के आकर्षण
- आगंतुकों के लिए व्यावहारिक सुझाव
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- दृश्य और मीडिया
- निष्कर्ष
- संदर्भ और आगे पढ़ना
औपनिवेशिक उत्पत्ति और ऐतिहासिक संदर्भ
पटना सचिवालय का निर्माण 1913 में शुरू हुआ, जो 1912 में बिहार और उड़ीसा के बंगाल से प्रशासनिक अलगाव के बाद हुआ, और 1917 तक पूरा हो गया। जोसेफ मुनिंग्स द्वारा डिजाइन किया गया और मार्टिन बर्न एंड कंपनी द्वारा निर्मित, सचिवालय बिहार के शासन का केंद्र बन गया, जिसमें मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय थे। राजभवन और पटना उच्च न्यायालय से सटा इसका स्थान, राजधानी के लिए एक नया प्रशासनिक केंद्र स्थापित हुआ (patna.nic.in, engr.mun.ca)।
सचिवालय भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का गवाह रहा है, जिसमें भारत छोड़ो आंदोलन भी शामिल है, जिसे पास के शहीद स्मारक द्वारा मनाया जाता है। इसके निर्माण ने पटना में सुनियोजित शहरी विकास के उदय का भी प्रतीक बनाया, जिसमें चौड़ी सड़कों और व्यवस्थित पड़ोस का उदय हुआ।
वास्तुशिल्प विशेषताएँ और डिजाइन तत्व
पटना सचिवालय इंडो-सारासेनिक वास्तुकला शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो मुगल, विक्टोरियन और शास्त्रीय ब्रिटिश तत्वों को जोड़ता है। इमारत 716 फीट लंबी और 364 फीट चौड़ी है, जो इसे पटना के सबसे बड़े सरकारी परिसरों में से एक बनाती है। मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
- भव्य मुखौटे और मेहराबदार प्रवेश द्वार: इमारत का बाहरी हिस्सा अलंकृत स्तंभों, मेहराबों और पत्थर के काम से सुशोभित है।
- घड़ी टॉवर: कभी 198 फीट ऊंचा (भूकंप क्षति के बाद अब 184 फीट), घड़ी टॉवर शहर का एक landmark है।
- चौड़े बरामदे और ऊंची छतें: पटना की जलवायु के अनुरूप डिजाइन किए गए।
- हरे-भरे उद्यान: शहर की हलचल के बीच शांत वातावरण प्रदान करने वाले हरे-भरे लॉन।
- उल्लेखनीय स्मारक: बिहार के पहले मुख्यमंत्री, श्रीकृष्ण सिन्हा की प्रतिमा और शहीद स्मारक जैसे स्मारक ऐतिहासिक माहौल को समृद्ध करते हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व
सचिवालय बिहार का प्रशासनिक केंद्र है, जिसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख विभागों के कार्यालय हैं। यह राज्य के शासन और नीति-निर्माण में एक केंद्रीय भूमिका निभाता रहा है, औपनिवेशिक प्रशासन से बिहार के लोकतांत्रिक हृदय तक संक्रमण कर चुका है (engr.mun.ca)। इस स्थल ने राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों सहित कई ऐतिहासिक क्षणों को देखा है।
सांस्कृतिक और नागरिक महत्व
प्रशासन से परे, सचिवालय नागरिक गौरव और सांस्कृतिक आयोजनों का एक केंद्र बिंदु है। गांधी मैदान, कालिदास रंगालय और रवींद्र परिषद से इसकी निकटता इसे जुलूसों, स्मरणोत्सवों और सार्वजनिक समारोहों के लिए एक केंद्र बनाती है। 1917 में पटना विश्वविद्यालय की स्थापना, सचिवालय की स्थापना के साथ ही, इस क्षेत्र के शैक्षिक और सामाजिक महत्व को और बढ़ाया (engr.mun.ca)।
आगंतुक जानकारी: घंटे, टिकट और पहुंच
आगंतुक घंटे
- सप्ताह के दिन: सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक बाहरी देखने और बगीचे तक पहुंच के लिए खुला है।
- सप्ताहांत/सार्वजनिक छुट्टियां: सामान्य तौर पर बंद।
- आंतरिक पहुंच: सरकारी अधिकारियों और अधिकृत कर्मियों तक सीमित।
टिकट और निर्देशित पर्यटन
- प्रवेश शुल्क: कोई नहीं। बाहरी हिस्सों और उद्यानों को देखने के लिए किसी टिकट की आवश्यकता नहीं है।
- निर्देशित पर्यटन: सुरक्षा के कारण नियमित रूप से उपलब्ध नहीं; विरासत कार्यक्रमों के दौरान कभी-कभी विशेष व्यवस्था संभव हो सकती है।
पहुंच
- आधार: बाहरी हिस्से के आसपास व्हीलचेयर के लिए सुलभ।
- स्थान: राजभवन और पटना उच्च न्यायालय के बीच, वीर चंद पटेल पथ पर केंद्रीय रूप से स्थित।
- परिवहन: ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, साइकिल-रिक्शा और ओला और उबर जैसे राइड-हेलिंग ऐप द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन: सचिवालय रेलवे स्टेशन (लगभग 0.23 किमी दूर)।
- हवाई अड्डा: जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लगभग 7 किमी दूर।
फोटोग्राफी और सुरक्षा
- अनुमत: बाहरी और बगीचे के क्षेत्र।
- प्रतिबंधित: आंतरिक स्थान और संवेदनशील क्षेत्र।
- सुझाव: हमेशा लगे संकेतों और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें।
ऑन-साइट सुविधाएं और सेवाएं
- पार्किंग: आगंतुकों और कर्मचारियों के लिए पर्याप्त पार्किंग।
- कैंटीन: सचिवालय स्पोर्ट क्लब कैंटीन; पास के बंगाली दादा होटल और सिंह मीट होटल जैसे विकल्प।
- मनोरंजन: हरे-भरे लॉन, गुलाब का बगीचा और कबीर वाटिका आराम के लिए।
- अन्य सुविधाएं: उप डाकघर, बैडमिंटन हॉल और पावरलिफ्टिंग प्रशिक्षण केंद्र।
सुझाई गई यात्रा कार्यक्रम और आस-पास के आकर्षण
आधा दिन की विरासत सैर
- पटना सचिवालय: औपनिवेशिक वास्तुकला और उद्यानों की प्रशंसा करें।
- गांधी मैदान: ऐतिहासिक मैदान और मूर्तियों का अन्वेषण करें।
- गोलघर: शहर के मनोरम दृश्यों के लिए चढ़ें।
- पटना संग्रहालय: प्राचीन कलाकृतियों को देखें।
- बुद्ध स्मृति पार्क: शांत उद्यान और स्तूप का आनंद लें।
पूर्ण दिवस संस्कृति और आध्यात्मिकता यात्रा
- सुबह: पटना सचिवालय, महावीर मंदिर।
- दोपहर: पटना संग्रहालय, बिहार संग्रहालय, स्थानीय रेस्तरां में दोपहर का भोजन।
- शाम: तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, गांधी मैदान में टहलें या पटना तारामंडल जाएं।
अन्य प्रमुख आकर्षण
- गोलघर: शहर के मनोरम दृश्यों के साथ प्रतिष्ठित अनाज भंडार (TravelTriangle)।
- पटना संग्रहालय: 50,000 से अधिक कलाकृतियाँ हैं (TravelSetu)।
- बिहार संग्रहालय: आधुनिक इंटरैक्टिव प्रदर्शनियाँ।
- बुद्ध स्मृति पार्क: ध्यान केंद्र और बौद्ध अवशेष।
- महावीर मंदिर: प्रमुख हिंदू मंदिर।
- तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब: श्रद्धेय सिख गुरुद्वारा।
- पटना तारामंडल: परिवारों के लिए खगोल विज्ञान शो।
- कुमरार पार्क: पाटलिपुत्र के खंडहर और मौर्य इतिहास।
- अगम कुआं: मौर्य काल का प्राचीन कुआं (TravelSetu)।
- इको पार्क, Jalan संग्रहालय, संजय गांधी जैविक उद्यान: 5 किमी के दायरे में परिवार के अनुकूल आकर्षण।
दिन की यात्राएं
- नालंदा: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (90 किमी)।
- राजगीर: बौद्ध, जैन और हिंदू स्थल (100 किमी)।
- वैशाली: प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थ केंद्र (55 किमी) (TravelSetu)।
आगंतुकों के लिए व्यावहारिक सुझाव
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर-मार्च सुखद मौसम के लिए।
- पोशाक संहिता: सरकारी और धार्मिक स्थलों के लिए उपयुक्त संयमित पोशाक।
- आवश्यक वस्तुएँ: वैध फोटो पहचान पत्र साथ रखें; आवश्यकतानुसार पानी, धूप से बचाव और छाता साथ ले जाएं।
- पहुंच: यदि आवश्यक हो तो सहायता के लिए पहले से सचिवालय से संपर्क करें।
- सुरक्षा: पटना सामान्यतः सुरक्षित है; मानक सावधानियां बरतें।
- व्यंजन: पास के भोजनालयों में लिट्टी चोखा, खुरमा और ठेकुआ जैसे स्थानीय व्यंजन आजमाएं (HIDMC)।
- भाषा: हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है; अंग्रेजी सरकारी और पर्यटक क्षेत्रों में समझी जाती है।
- लागत: अधिकांश स्थलों पर नाममात्र या कोई प्रवेश शुल्क नहीं है; भोजन और परिवहन के लिए बजट बनाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q: पटना सचिवालय का आगंतुक समय क्या है? A: सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक; सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों पर बंद।
Q: क्या कोई प्रवेश शुल्क है? A: नहीं, बाहरी हिस्सों और उद्यानों को देखने के लिए कोई शुल्क नहीं है।
Q: क्या मैं सचिवालय के अंदर जा सकता हूँ? A: आंतरिक पहुंच अधिकृत कर्मियों तक सीमित है।
Q: क्या निर्देशित पर्यटन उपलब्ध हैं? A: नियमित रूप से नहीं; विशेष सरकारी-आयोजित कार्यक्रमों के लिए जांच करें।
Q: क्या परिसर दिव्यांग आगंतुकों के लिए सुलभ है? A: बाहरी हिस्से और उद्यान व्हीलचेयर के लिए सुलभ हैं; आंतरिक सुविधाएं सीमित हो सकती हैं।
Q: सचिवालय के पास कौन से दर्शनीय स्थल अवश्य देखने चाहिए? A: गोलघर, पटना संग्रहालय, बिहार संग्रहालय, गांधी मैदान, बुद्ध स्मृति पार्क, और अन्य।
दृश्य और मीडिया
पटना सचिवालय और आस-पास के आकर्षणों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों और वर्चुअल टूर को आधिकारिक पर्यटन प्लेटफार्मों पर देखकर अपनी यात्रा को बेहतर बनाएं। नक्शे और इंटरैक्टिव मीडिया आसान नेविगेशन के लिए बिहार पर्यटन विभाग पोर्टल पर उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
पटना सचिवालय एक कार्यात्मक सरकारी भवन से कहीं अधिक है—यह बिहार के राजनीतिक विकास, औपनिवेशिक विरासत और नागरिक गौरव का एक जीवित प्रतीक है। हालांकि आंतरिक पहुंच सीमित है, इसका भव्य बाहरी हिस्सा, सावधानीपूर्वक बनाए रखा उद्यान और आसपास के स्मारक औपनिवेशिक प्रशासन से एक आधुनिक राज्य तक क्षेत्र की यात्रा का एक गहरा वृत्तांत प्रदान करते हैं। पटना के आस-पास के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के साथ अपनी यात्रा को जोड़कर एक समृद्ध अनुभव प्राप्त करें।
वास्तविक समय अपडेट, यात्रा कार्यक्रम योजना और ऑडियो गाइड के लिए, Audiala ऐप डाउनलोड करें और बिहार पर्यटन के आधिकारिक संसाधनों का पालन करें। विरासत, संस्कृति और स्थानीय अनुभवों को मिलाकर पटना यात्रा का अधिकतम लाभ उठाएं।
संदर्भ और आगे पढ़ना
- पटना सचिवालय: आगंतुक घंटे, ऐतिहासिक महत्व और आगंतुकों के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शिका, 2024, बिहार राज्य सरकार (patna.nic.in) -पटना का इतिहास प्राचीन काल से, 2024, आशरण (engr.mun.ca) -पटना सचिवालय: घंटे, इतिहास और आस-पास के आकर्षण, 2024, Audiala (Audiala app) -रफ गाइड्स: पटना यात्रा मार्गदर्शिका, 2024 (roughguides.com) -पटना में करने योग्य चीजें, 2024, ट्रैवलट्रायंगल (traveltriangle.com) -पटना पर्यटन इतिहास और मार्गदर्शिका, 2024, ट्रैवलसेतु (travelsetu.com) -प्राचीन शहर पटना का अन्वेषण, HIDMC (HIDMC)