महात्मा गांधी की मूर्ति

Krnatk, Bhart

महात्मा गांधी की प्रतिमा, कर्नाटक: घूमने का समय, टिकट और व्यापक मार्गदर्शिका

दिनांक: 14/06/2025

परिचय

कर्नाटक में महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शख्सियतों और देश के स्वतंत्रता आंदोलन के निर्णायक क्षणों को एक स्मारकीय श्रद्धांजलि के रूप में खड़ी है। बेलगावी में सुवर्ण विधान सौधा में और साथ ही बेंगलुरु में स्थित ये प्रतिमाएँ न केवल स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, बल्कि गांधी के अहिंसा, सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय एकता की स्थायी विरासत के जीवंत प्रतीक भी हैं। यह मार्गदर्शिका प्रतिमाओं के इतिहास, महत्व, घूमने के समय, टिकट की जानकारी, पहुँच और आस-पास के आकर्षणों का विस्तृत अवलोकन प्रदान करती है, जिससे एक सार्थक और सुविज्ञ यात्रा सुनिश्चित होती है।

विषय-सूची

ऐतिहासिक संदर्भ और महत्व

1924 का बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन: एक निर्णायक क्षण

बेलगावी में महात्मा गांधी की प्रतिमा 1924 के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अधिवेशन की शताब्दी की याद दिलाती है—यह एकमात्र ऐसा समय था जब गांधी ने कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। वीरा सौधा में आयोजित यह अधिवेशन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक परिवर्तनकारी अवधि को चिह्नित करता है, जिसने गांधी के नेतृत्व और अहिंसा, एकता और सामाजिक सुधार के उनके सिद्धांतों के प्रसार को मजबूत किया। इस घटना ने भारतीय इतिहास के पन्नों में बेलगावी के दर्जे को बढ़ाया, और यह प्रतिमा अब उन लोगों के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में खड़ी है जो इस विरासत से जुड़ना चाहते हैं (The Hindu, Star of Mysore)।

गांधी का कर्नाटक से संबंध

गांधी ने 1915 और 1940 के बीच कम से कम 18 बार कर्नाटक का दौरा किया, जिसमें उन्होंने स्थानीय समुदायों, नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सीधे बातचीत की। उनकी यात्राओं में बेंगलुरु, मैसुरु और बेलगावी जैसे शहर शामिल थे, जिन्होंने शिवपुर ध्वजा सत्याग्रह और अंकोला में नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलनों को प्रेरित किया (Asianet Newsable)। उनके दौरे से जुड़े स्थल, जिनमें वीरा सौधा, बेलगाम किला और खादी केंद्र शामिल हैं, कर्नाटक की गांधीवादी विरासत के हिस्से के रूप में संरक्षित हैं।


डिजाइन और कलात्मक विशेषताएँ

बेलगावी प्रतिमा

  • आयाम और सामग्री: 25 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा, जिसमें आधार सहित 37 फुट की ऊंचाई है, और इसका वजन 20 टन है। इसे अरुण योगीराज ने बनाया है, जो अयोध्या में राम लल्ला की प्रतिमा के लिए भी जाने जाते हैं (NewKerala)।
  • कलात्मक प्रस्तुति: गांधी को उनकी प्रतिष्ठित धोती और शॉल में, हाथ में लाठी लिए हुए दर्शाया गया है - जो सादगी और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
  • स्थापना: सुवर्ण विधान सौधा में स्थित, यह हरे-भरे बगीचों, पैदल पथों और वीरा सौधा स्मारक हॉल तथा 1924 के कांग्रेस अधिवेशन को दर्शाने वाली एक फोटो गैलरी के बगल में है (New Indian Express)।

बेंगलुरु प्रतिमा

  • स्थान: 85/ए, डॉक्टर अंबेडकर वीधी, संपंगी राम नगर, बेंगलुरु, विधान सौधा और विकास सौधा के बीच (Yappe.in)।
  • डिजाइन: 13 फुट ऊंचे आधार पर 27 फुट ऊंची कांस्य की आवक्ष प्रतिमा (कुल ऊंचाई: 40 फुट), जिसे राम वंजी सुतार ने 2014 में स्थापित किया था। इसका वजन 19 टन (कांस्य) और 7 टन (स्टेनलेस स्टील) है।
  • स्थापना: कर्नाटक के प्रशासनिक केंद्र के बीच स्थापित, यह नव-द्रविड़ वास्तुकला और हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है।

बेलगावी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के दर्शन

स्थान और पहुँच

  • स्थान: सुवर्ण विधान सौधा, बेंगलुरु और पुणे जैसे प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • परिवहन: सड़क, रेल और वायु मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पर्याप्त पार्किंग उपलब्ध है। यह क्षेत्र गतिशीलता चुनौतियों वाले आगंतुकों के लिए सुलभ है।

घूमने का समय और प्रवेश

  • घूमने का समय: दैनिक, सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: सभी आगंतुकों के लिए निःशुल्क।
  • विशेष कार्यक्रम: राष्ट्रीय अवकाश, गांधी जयंती (2 अक्टूबर) और शताब्दी समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं।

सुविधाएँ और सेवाएँ

  • सुविधाएँ: शौचालय, बैठने की जगह, छायादार क्षेत्र, पार्किंग और जलपान स्टॉल।
  • पहुँच: व्हीलचेयर-अनुकूल रास्ते और रैंप।
  • शैक्षिक संसाधन: गांधी के जीवन और 1924 के कांग्रेस अधिवेशन पर दुर्लभ तस्वीरें और अभिलेखीय सामग्री वाली लाइब्रेरी और फोटो गैलरी।

गाइडेड टूर और विशेष कार्यक्रम

  • गाइडेड टूर: स्थानीय पर्यटन कार्यालयों द्वारा अनुरोध पर और विशेष अवसरों पर आयोजित किए जाते हैं।
  • कार्यक्रम: ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली, सांस्कृतिक प्रदर्शन और शताब्दी समारोह के दौरान प्रदर्शनियाँ (Finance Saathi)।

आगंतुक सुझाव

  • सुहावने मौसम और फोटोग्राफी के लिए सबसे अच्छी रोशनी के लिए सुबह जल्दी या देर शाम जाएँ।
  • गंभीर माहौल का सम्मान करें; कचरा फैलाने और विघटनकारी व्यवहार से बचें।
  • विशेष कार्यक्रमों या गाइडेड टूर के लिए पहले से जाँच लें।

आस-पास के आकर्षण

  • वीरा सौधा: 1924 के कांग्रेस अधिवेशन का ऐतिहासिक स्थल।
  • बेलगाम किला: गांधी के कारावास का स्थल, स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से ओत-प्रोत।
  • खादी केंद्र: गांधीवादी आत्मनिर्भरता के आदर्शों को बढ़ावा देते हैं।
  • गंगाधर राव देशपांडे स्मारक हॉल: स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करता है।

बेंगलुरु में महात्मा गांधी की प्रतिमा

स्थान और पहुँच

  • पता: 85/ए, डॉक्टर अंबेडकर वीधी, संपंगी राम नगर, बेंगलुरु, विधान सौधा और विकास सौधा के पास (Yappe.in)।
  • परिवहन: बेंगलुरु छावनी रेलवे स्टेशन से 0.61 किमी दूर; बसों, ऑटो और टैक्सियों द्वारा पहुँचा जा सकता है। व्यस्त समय में पार्किंग सीमित हो सकती है।

घूमने का समय और प्रवेश

  • घूमने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक, सभी दिन।
  • प्रवेश शुल्क: कोई शुल्क नहीं; जनता के लिए खुला है।

साइट पर अनुभव

  • प्रतिमा: 13 फुट ऊंचे आधार पर 27 फुट कांस्य की आवक्ष प्रतिमा, विश्व स्तर पर गांधी की सबसे बड़ी आवक्ष प्रतिमाओं में से एक।
  • पहुँच: व्हीलचेयर और घुमक्कड़-अनुकूल रास्ते। सरकारी कार्यालयों के करीब होने के कारण नियमित सुरक्षा।
  • आस-पास का क्षेत्र: विधान सौधा और विकास सौधा के दृश्यों के साथ खुला प्लाजा, प्रतिबिंब और फोटोग्राफी के लिए आदर्श।

सुझाव और आस-पास के आकर्षण

  • घूमने का सबसे अच्छा समय: सुहावने मौसम के लिए अक्टूबर से मार्च (MakeMyTrip)।
  • फोटोग्राफी: सुबह और देर शाम उत्कृष्ट।
  • ड्रेस कोड: विनम्र पोशाक की सलाह दी जाती है।
  • आस-पास के स्थल: कब्बन पार्क, कर्नाटक उच्च न्यायालय, विश्वेश्वरैया औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय, सरकारी संग्रहालय, वेंकटप्पा कला गैलरी।
  • स्थानीय व्यंजन: एमजी रोड और ब्रिगेड रोड विभिन्न भोजन और खरीदारी के अनुभव प्रदान करते हैं।

सांस्कृतिक महत्व और शताब्दी पहल

  • शताब्दी समारोह: 2025 को कांग्रेस अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कर्नाटक में “गांधी भारत वर्ष” घोषित किया गया है (OneIndia)।
  • स्मारक डाक टिकट और फिल्म: विशेष डाक टिकट और फिल्म “गांधी” का कन्नड़ डबिंग।
  • प्रकाश व्यवस्था: शताब्दी समारोह के दौरान बेलगावी की 32 किमी सड़कों और 30 चौराहों को रोशन किया गया।
  • स्मारक परिसर: विरुपाक्ष गोपुरम अस्थायी रूप से स्थापित किया गया, और सुवर्ण विधान सौधा में फोटो गैलरी स्थापित की गई।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र: बेलगावी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के लिए घूमने का समय क्या है?
उ: सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक दैनिक।

प्र: क्या कोई प्रवेश शुल्क है?
उ: नहीं, प्रवेश निःशुल्क है।

प्र: क्या गाइडेड टूर उपलब्ध हैं?
उ: हाँ, विशेष रूप से विशेष आयोजनों के दौरान और पूर्व व्यवस्था द्वारा।

प्र: क्या यह स्थल व्हीलचेयर से पहुँच योग्य है?
उ: हाँ, पक्के रास्तों और रैंप के साथ।

प्र: बेंगलुरु प्रतिमा के घूमने का समय क्या है?
उ: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक, दैनिक।

प्र: क्या मैं प्रतिमाओं की तस्वीरें ले सकता हूँ?
उ: हाँ, फोटोग्राफी की अनुमति है और इसे प्रोत्साहित किया जाता है।

प्र: आस-पास और कौन से आकर्षण हैं?
उ: बेलगावी में बेलगाम किला, वीरा सौधा, खादी केंद्र; बेंगलुरु में कब्बन पार्क, विधान सौधा।


जिम्मेदार पर्यटन और शिष्टाचार

  • साइट पर स्वच्छता और शालीनता बनाए रखें।
  • विनम्र कपड़े पहनें और सम्मानजनक व्यवहार करें, खासकर स्मारक कार्यक्रमों के दौरान।
  • सुरक्षा कर्मियों के साथ सहयोग करें और लगाए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।

सारांश और आगंतुक सुझाव

बेलगावी और बेंगलुरु में महात्मा गांधी की प्रतिमाएँ भारत के स्वतंत्रता संग्राम और शांति, न्याय और एकता के गांधी के स्थायी दृष्टिकोण की शक्तिशाली याद दिलाती हैं। उनकी पहुँच, निःशुल्क प्रवेश और शैक्षिक संसाधन उन्हें सभी यात्रियों के लिए समावेशी गंतव्य बनाते हैं। एक समृद्ध अनुभव के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अपनी यात्रा की योजना बनाएँ, आस-पास के विरासत स्थलों का अन्वेषण करें, और गांधीवादी आदर्शों की जीवित विरासत से जुड़ें।

आगामी कार्यक्रमों और गाइडेड टूर के बारे में सूचित रहने के लिए Audiala मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक पर्यटन चैनलों का अनुसरण करें।


स्रोत और आगे के अध्ययन


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