Bajrangarh Fort in Guna, India

बजरंगगढ़ किला

Guna, Bhart

बजरंगगढ़ किला: घंटे, टिकट, और ऐतिहासिक जानकारी, गुना, भारत

तिथि: 24/07/2024

परिचय

बजरंगगढ़ किला, जिसे झर्कोन के नाम से भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश, भारत के गुना जिले में स्थित एक प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल है। यह किला नंदवंशी अहिरों के राजा जय नारायण द्वारा 1600 ईसवी के आसपास बनाया गया था और यह क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य धरोहर का प्रतीक है (India के पर्यटक)। चापेट नदी के पास ऊँची पहाड़ी पर स्थित यह किला अपने समय में एक महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक केंद्र था। चंदेरी सरकार के महल के मुख्यालय के रूप में इसकी भूमिका से लेकर 1816 ईसवी में जनरल जॉन बैपटिस्ट द्वारा इसके नाटकीय घेराबंदी तक, किले का इतिहास बेहद प्रभावशाली है (विकिपीडिया)। आज, बजरंगगढ़ किला अपने खंडहरों के बावजूद इतिहास प्रेमियों और सामान्य यात्रियों को आकर्षित करता है, जो भारत के समृद्ध अतीत की झलक प्रदान करता है। यह गाइड किले का विस्तृत इतिहास, यात्रा टिप्स, और आसपास के आकर्षणों की जानकारी प्रदान करता है, जिससे आपकी यात्रा एक समृद्ध और संपूर्ण अनुभव बने।

बजरंगगढ़ किले का इतिहास

उत्पत्ति और निर्माण

बजरंगगढ़ किला नंदवंशी अहिरों के राजा जय नारायण द्वारा 1600 ईसवी के आसपास बनाया गया था, जो गागरोन रियासत की एक शाखा थी (India के पर्यटक)। इस अवधि ने इसे एक महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।

स्थापत्य लेआउट

यह किला 92.3 मीटर (303 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और 72 बीघा भूमि पर फैला हुआ है। यह गुना से लगभग 10 किलोमीटर (6.2 मील) की दूरी पर गुना-आरोन सड़क पर स्थित है, जो चापेट नदी के किनारे पर है (विकिपीडिया)। किले का डिज़ाइन चार दिशाओं में चार दरवाजों का समावेश करता है, जो मोटी महल, रंगमहल, राम मंदिर और बजरंग मंदिर जैसी आंतरिक संरचनाओं तक पहुँच प्रदान करते हैं, जो आज भी सुरक्षित हैं (India के पर्यटक)।

ऐतिहासिक महत्व

अपने प्राचीन समय में, बजरंगगढ़ किला चंदेरी सरकार के महल का मुख्यालय था। यह इसके क्षेत्रीय शासन और सैन्य रणनीति में इसके महत्व को दर्शाता है। किले का स्थान और मजबूत निर्माण इसे क्षेत्र में एक दुर्जेय किला बनाते थे (विकिपीडिया)।

1816 की घेराबंदी

किले के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक 1816 ईसवी में राजा जय सिंह के शासनकाल के दौरान हुई। ग्वालियर राज्य के महाराजा दौलत राव सिंधिया ने अपने जनरल जॉन बैपटिस्ट को किले पर हमला करने के लिए भेजा। इस लड़ाई में राजा जय सिंह की हार हुई और किले को नष्ट कर दिया गया (India के पर्यटक)। यह घटना किले के पतन और अंततः इसके खंडहर बनने का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

घेराबंदी के बाद का युग

विनाश के बावजूद, किले परिसर के भीतर कई संरचनाएँ जीवित बची हैं। मोटी महल, रंगमहल, राम मंदिर, और बजरंग मंदिर जैसे कई स्थल आज भी संरक्षित हैं, जो किले की भव्यता की झलक प्रदान करते हैं (विकिपीडिया)। इसके अतिरिक्त, किले परिसर के भीतर एक बड़ा सीढ़ीदार कुआं, जो घोड़ों के पीने के पानी को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता था, अभी भी मौजूद है, जो उस समय की उन्नत जल प्रबंधन प्रणालियों को दर्शाता है (India के पर्यटक)।

सांस्कृतिक और धार्मिक पहलू

किले में एक प्राचीन मंदिर भी है, जिसे स्थानीय निवासी अक्सर यात्रा करते हैं। यह मंदिर, नंदवंशी अहिरों द्वारा बनाया गया माना जाता है, किले के ऐतिहासिक महत्व में एक धार्मिक तत्व जोड़ता है (विकिपीडिया)। किले के भीतर एक और महत्वपूर्ण धार्मिक संरचना बिसभुजी मंदिर है, जिसे माना जाता है कि मराठा शासकों द्वारा 1775 में बनाया गया था (India के पर्यटक)।

संरक्षण और वर्तमान स्थिति

आज, बजरंगगढ़ किला खंडहरों में खड़ा है, फिर भी इसके बचाव और बची हुई संरचनाएँ इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। किले की वर्तमान स्थिति इसे इसके समृद्ध इतिहास और इसके अस्तित्व को आकार देने वाली विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं का प्रमाण बनाती है (India के पर्यटक)।

आगंतुक जानकारी

घूमने के घंटे और टिकट

बजरंगगढ़ किला प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है। प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन रखरखाव के लिए दान का स्वागत है।

यातायात और परिवहन

किला गुना शहर से नियमित बसों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है, और आगंतुक टैक्सियाँ भी किराए पर ले सकते हैं। सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन गुना है, जबकि निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है, जो लगभग 188 किलोमीटर दूर है (India के पर्यटक)।

यात्रा सुझाव

  • आरामदायक जूते पहनें: किले की जमीन असमान हो सकती है, इसलिए मजबूत जूते पहनना महत्वपूर्ण है।
  • पानी और स्नैक्स लेकर चलें: किले परिसर में सीमित सुविधाएँ हैं।
  • सबसे अच्छा समय: किले की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च के सुखद महीने आदर्श हैं।
  • फोटोग्राफी स्थल: किले के ऊँचे बिंदुओं से पैनोरमिक दृश्य और बची हुई संरचनाओं के जटिल विवरण को कैप्चर करें।

पास के आकर्षण

  • गुना ऐतिहासिक स्थल: गुना में अन्य ऐतिहासिक स्थलों, जैसे बजरंगगढ़ मंदिर और गुना म्यूजियम को भी देखें।
  • चापेट नदी: नदी किनारे सुंदर चलने या पिकनिक का आनंद लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: बजरंगगढ़ किले के घूमने के घंटे क्या हैं?
उत्तर: किला प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।

प्रश्न: क्या प्रवेश शुल्क है?
उत्तर: प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन रखरखाव के लिए दान का स्वागत है।

प्रश्न: बजरंगगढ़ किले की यात्रा का सबसे अच्छा समय क्या है?
उत्तर: किले की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च के ठंडे महीने आदर्श हैं।

प्रश्न: मैं बजरंगगढ़ किले तक कैसे पहुँच सकता हूँ?
उत्तर: किला गुना शहर से बसों, टैक्सियों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है, और निकटतम रेलवे स्टेशन गुना है। सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है, जो लगभग 188 किलोमीटर दूर है।

निष्कर्ष

बजरंगगढ़ किला वास्तुकला की उत्कृष्टता, रणनीतिक महत्व, और सांस्कृतिक महत्व का एक ताना-बाना है। नंदवंशी अहिरों द्वारा इसके निर्माण से लेकर क्षेत्रीय शासन में इसकी भूमिका और 1816 की घेराबंदी के बाद इसके पतन तक, किले की कहानी उन व्यापक ऐतिहासिक बदलावों का प्रतिबिंब है जिन्होंने इस क्षेत्र को आकार दिया है। आज, बजरंगगढ़ किले के खंडहर आगंतुकों को आकर्षित करते हैं, उन्हें अतीत की झलक दिखाते हैं और किले की स्थायी विरासत की याद दिलाते हैं। इस अद्भुत स्थल की यात्रा की योजना बनाएं और इसके समृद्ध धरोहर में डूब जाएं।

स्रोत

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