Attara Katcheri building in Bangalore early 1900s

अत्तारा कचेरी

Bemguluru, Bhart

अट्टारा कचेरी बेंगलुरु: दर्शनीय घंटे, टिकट और ऐतिहासिक अवलोकन

दिनांक: 04/07/2025

परिचय

बेंगलुरु के हृदय में, कब्बन पार्क के ठीक सामने स्थित, अट्टारा कचेरी एक भव्य लाल नियोक्लासिकल इमारत है जो शहर के औपनिवेशिक अतीत के अवशेष के साथ-साथ कर्नाटक उच्च न्यायालय की वर्तमान सीट भी है। 1864 और 1868 के बीच निर्मित, इसमें मूल रूप से मैसूर राज्य के अठारह प्रशासनिक विभाग स्थित थे, एक तथ्य जो इसके नाम में परिलक्षित होता है—“अट्टारा कचेरी” का अर्थ है “अठारह कार्यालय”। आज, यह इमारत न केवल बेंगलुरु के वास्तुशिल्प और प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतिनिधित्व करती है, बल्कि कर्नाटक के कानूनी शासन में भी केंद्रीय भूमिका निभाती है।

यह मार्गदर्शिका अट्टारा कचेरी के उद्भव, वास्तुशिल्प विशेषताओं, सांस्कृतिक महत्व और आवश्यक आगंतुक जानकारी को शामिल करती है, जिसमें खुलने का समय, टिकट नीतियां, पहुंच, यात्रा युक्तियाँ और आस-पास के आकर्षण शामिल हैं। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, वास्तुकला प्रेमी हों, या एक जिज्ञासु यात्री हों, अट्टारा कचेरी का दौरा बेंगलुरु की विकसित होती नागरिक पहचान में एक अनूठी झलक प्रदान करता है।

आधिकारिक जानकारी और व्यावहारिक अपडेट के लिए, BangaloreIndia.org.uk, Localsamosa, और आधिकारिक कर्नाटक उच्च न्यायालय वेबसाइट जैसे संसाधनों से परामर्श करें।

विषय-सूची

अट्टारा कचेरी का उद्भव और निर्माण

मैसूर रियासत में महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधारों के बाद, अट्टारा कचेरी की जड़ें 19वीं शताब्दी के मध्य में जाती हैं। ब्रिटिश, शासन को केंद्रीकृत और सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से, राज्य के अठारह प्रमुख प्रशासनिक विभागों को समायोजित करने के लिए एक भव्य इमारत के निर्माण की शुरुआत की। “अट्टारा कचेरी” शब्द हिंदुस्तानी से लिया गया है, जिसका अर्थ है “अठारह कार्यालय,” जो इसके मूल कार्य को दर्शाता है (bangaloreindia.org.uk)।

ब्रिटिश आयुक्त लेविन बेंथम बॉवरिंग द्वारा कमीशन किया गया और राव बहादुर आर्कोट नारायणसामी मुदलियार द्वारा निष्पादित, निर्माण 1864 में शुरू हुआ और 1868 में समाप्त हुआ। कब्बन पार्क के सामने अपनी प्रमुखता के लिए साइट का चयन किया गया था, जिससे इसकी प्रतीकात्मक और व्यावहारिक दोनों ही महत्व में वृद्धि हुई। इमारत की लागत लगभग 450,000 भारतीय रुपये थी, जो उस युग के लिए एक पर्याप्त निवेश था।


वास्तुशिल्प शैली और विशेषताएँ

अट्टारा कचेरी नियोक्लासिकल वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण है, एक शैली जो भव्यता, समरूपता और शास्त्रीय ग्रीक और रोमन रूपों के संदर्भों की विशेषता है। दो मंजिला इमारत को चमकीले लाल रंग से रंगा गया है, जिसका निर्माण स्थानीय रूप से प्राप्त ईंट और पत्थर से किया गया है। इसके मुखौटे में थोपे हुए कोरिंथियन कॉलम, धनुषाकार खिड़कियां और एक संतुलित पोर्टिको है, जो सभी अधिकार और स्थायित्व व्यक्त करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं (bangaloreindia.org.uk)।

मुख्य वास्तुशिल्प विशेषताएँ शामिल हैं:

  • कोरिंथियन कॉलम: मुख्य प्रवेश द्वार को गंभीरता प्रदान करते हैं।
  • ऊंची छतें और धनुषाकार खिड़कियां: वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश को अधिकतम करते हैं।
  • विशाल गलियारे और बरामदे: भारत की जलवायु के लिए अनुकूलित।
  • केंद्रीय हॉल: मैसूर के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति सर मार्क कब्बन का एक चित्र दर्शाता है।

इमारत की क्लासिक लाइनें और लाल मुखौटा ने इसे “द रेड बिल्डिंग” उपनाम दिया है और इसे फोटोग्राफरों और कलाकारों के लिए एक पसंदीदा विषय बनाता है।


राज्य प्रशासन और न्यायपालिका में भूमिका

औपनिवेशिक और प्रारंभिक उत्तर-औपनिवेशिक युग

प्रारंभ में, अट्टारा कचेरी मैसूर राज्य के प्रशासनिक हृदय के रूप में कार्य करती थी, जिसमें दीवान (प्रधानमंत्री), राजस्व, पुलिस, लोक निर्माण और अन्य विभागों के कार्यालय थे। ब्रिटिश पर्यवेक्षण के तहत राज्य के आधुनिकीकरण के लिए एक ही छत के नीचे केंद्रीकरण महत्वपूर्ण था (Citizen Matters)।

उच्च न्यायालय में संक्रमण

भारत की स्वतंत्रता और 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद, अट्टारा कचेरी कर्नाटक उच्च न्यायालय की सीट बन गई। तब से, इसने राज्य की न्यायिक प्रणाली में एक केंद्रीय भूमिका निभाई है, जिसमें ऐतिहासिक मामलों की मेजबानी की गई है और न्याय और शासन के प्रतीक के रूप में कार्य किया गया है (Wikipedia)।

इमारत में 37 न्यायालय कक्ष हैं और वर्षों से इसका विस्तार हुआ है, जिसमें 1995 का एक अनुलग्नक भी शामिल है जो मूल वास्तुकला की नकल करता है (Citizen Matters)।


सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक महत्व

अट्टारा कचेरी केवल एक प्रशासनिक इमारत से कहीं अधिक है; यह बेंगलुरु के परतदार इतिहास का एक जीवंत प्रतीक है। इसका लाल मुखौटा, विधान सौधा के सफेद नव-द्रविड़ स्तंभों के सामने, शहर की औपनिवेशिक विरासत को आधुनिक राज्यत्व से दृश्य और प्रतीकात्मक रूप से जोड़ता है (Praveen Musafir)।

मुख्य सांस्कृतिक पहलू:

  • नागरिक पहचान: इमारत का निरंतर उपयोग और संरक्षण बेंगलुरु के अतीत को गले लगाने को दर्शाता है जबकि भविष्य की ओर देखता है।
  • सार्वजनिक जुड़ाव: 1980 के दशक में व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने अट्टारा कचेरी को विध्वंस से बचाया, जिससे शहर के विरासत संरक्षण आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बना (Wikipedia)।
  • न्यायिक और नागरिक स्मृति: उच्च न्यायालय संग्रहालय (विशेष अवसरों पर खुला) कलाकृतियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित करता है, जिससे इसकी सांस्कृतिक भूमिका और मजबूत होती है (Citizen Matters)।

दर्शनीय घंटे, टिकट और पहुंच

दर्शनीय घंटे:

  • सोमवार से शुक्रवार: सुबह 10:00 बजे - शाम 5:00 बजे
  • शनिवार और रविवार: बंद
  • न्यायालय सत्रों, छुट्टियों या विशेष आयोजनों के दौरान घंटे भिन्न हो सकते हैं। अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले आधिकारिक कर्नाटक उच्च न्यायालय वेबसाइट पर जांच करें।

प्रवेश और टिकट:

  • बाहरी और उद्यानों को देखना निःशुल्क है।
  • आंतरिक तक पहुंच आमतौर पर उन लोगों तक ही सीमित है जिनका आधिकारिक कार्य है। उच्च न्यायालय संग्रहालय पूर्व व्यवस्था द्वारा सुलभ हो सकता है।

पहुंच:

  • मैदान और बाहरी सुलभ हैं, कब्बन पार्क के चारों ओर पक्के रास्ते व्हीलचेयर और घुमक्कड़ों के लिए उपयुक्त हैं।
  • इमारत की विरासत स्थिति के कारण, पूर्ण आंतरिक पहुंच सीमित है; विस्तृत जानकारी के लिए न्यायालय प्रशासन से संपर्क करें।

वहाँ कैसे पहुंचें

  • स्थान: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर रोड, विधान सौधा के सामने, कब्बन पार्क के भीतर, केंद्रीय बेंगलुरु।
  • निकटतम मेट्रो: कब्बन पार्क (पर्पल लाइन), इमारत से थोड़ी पैदल दूरी पर।
  • बस द्वारा: कब्बन पार्क और विधान सौधा क्षेत्र में कई बीएमटीसी मार्ग सेवा प्रदान करते हैं।
  • पार्किंग: सीमित; सार्वजनिक परिवहन या आस-पास के आकर्षणों से पैदल चलने की सलाह दी जाती है।

गूगल मैप्स: अट्टारा कचेरी स्थान


आस-पास के आकर्षण

  • कब्बन पार्क: व्यापक शहर का पार्क, चलने और आराम करने के लिए एकदम सही (bengaluru.com)।
  • विधान सौधा: कर्नाटक की विधायी सीट, नव-द्रविड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध (localsamosa)।
  • विश्वेश्वरैया औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय: सभी उम्र के लिए इंटरैक्टिव विज्ञान प्रदर्शनियाँ।
  • सरकारी संग्रहालय और वेंकटप्पा कला गैलरी: क्षेत्रीय इतिहास और कला का प्रदर्शन (rajasthantourplanner.com)।

आगंतुक युक्तियाँ

  • घूमने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च, बेंगलुरु के ठंडे महीनों के दौरान। सुबह और देर दोपहर फोटोग्राफी के लिए सबसे अच्छी रोशनी प्रदान करते हैं।
  • विनम्र पोशाक: चूंकि अट्टारा कचेरी एक कार्यशील न्यायालय है, इसलिए सम्मानजनक पोशाक की सलाह दी जाती है।
  • न्यायालय शिष्टाचार: चुप्पी और मर्यादा बनाए रखें; मोबाइल फोन को साइलेंट पर रखा जाना चाहिए।
  • फोटोग्राफी: बाहरी फोटोग्राफी आमतौर पर अनुमत है, लेकिन हमेशा सुरक्षा कर्मियों से पुष्टि करें। अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्र: अट्टारा कचेरी के दर्शनीय घंटे क्या हैं? उ: सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10:00 बजे – शाम 5:00 बजे। सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों पर बंद रहता है।

प्र: क्या प्रवेश शुल्क है? उ: नहीं, बाहरी और मैदानों को देखना निःशुल्क है।

प्र: क्या निर्देशित दौरे उपलब्ध हैं? उ: कोई नियमित निर्देशित दौरे नहीं हैं, लेकिन स्थानीय विरासत यात्राओं में यह स्थल शामिल हो सकता है।

प्र: क्या अट्टारा कचेरी विकलांग आगंतुकों के लिए सुलभ है? उ: बाहरी और पार्क के रास्ते सुलभ हैं; आंतरिक पहुंच सीमित है।

प्र: मैं अट्टारा कचेरी कैसे पहुंचूं? उ: मेट्रो (कब्बन पार्क स्टेशन), बस या टैक्सी द्वारा। पार्किंग सीमित है।


दृश्य दीर्घा

अट्टारा कचेरी - कर्नाटक उच्च न्यायालय भवन

छवि का ऑल्ट टेक्स्ट: अट्टारा कचेरी के दर्शनीय घंटे और टिकट - बेंगलुरु में लाल मुखौटे और नियोक्लासिकल स्तंभों वाला प्रतिष्ठित कर्नाटक उच्च न्यायालय भवन।


संदर्भ और आगे की पढ़ाई


निष्कर्ष

अट्टारा कचेरी बेंगलुरु के नागरिक और वास्तुशिल्प परिदृश्य की आधारशिला है, जो शहर की औपनिवेशिक विरासत को इसके चल रहे न्यायिक और सांस्कृतिक जीवन के साथ सहज रूप से मिश्रित करता है। इसका स्थायी लाल मुखौटा, नियोक्लासिकल भव्यता, और केंद्रीय प्रशासनिक भूमिका इसे बेंगलुरु को परिभाषित करने वाले इतिहास की परतों को समझने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य देखने योग्य बनाती है। हरे-भरे पार्कों और महत्वपूर्ण स्थलों से घिरा, अट्टारा कचेरी का दौरा कर्नाटक की रियासत से एक जीवंत लोकतंत्र तक की यात्रा में प्रेरणा और अंतर्दृष्टि दोनों प्रदान करता है।

व्यक्तिगत ऑडियो टूर, यात्रा युक्तियों और नवीनतम आगंतुक जानकारी के लिए, ऑडियाला (Audiala) मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और विधान सौधा और कब्बन पार्क के लिए हमारे गाइड देखें।


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